1. प्रवचन पर्व, 2. प्रवचन पीयूष, 3. प्रवचनामृत, 4. प्रवचन पारिजात, 5. प्रवचन पंचामृत, 6. प्रवचन प्रदीप 7. प्रवचनप्रमेय, 8. प्रवचनिका, 9. प्रवचनसुरभि, 10. तेरह सौ एक, 11. धीवर की धी, 12. सर्वोदय सार 13. सीप के मोती, 14. विद्या वाणी, 15. अकिंचित्कर, 16. चरण आचरण की ओर, 17. कर विवेक से काम 18. धर्म देशना, 19. कुण्डलपुर देशना, 20. तपोवन देशना, 21. आदशो के आदर्श, 22. सिद्धोदय सार 23. कौन कहाँ तक साथ देगा, 24. समागम, 25. गुरुवाणी, 26. व्यामोह की पराकाष्ठा, 27. भक्त का उत्सर्ग 28. आत्मानुभूति ही समयसार, 29. मूर्त से अमूर्त की ओर, 30. स्वराज और भारत, 31.अहिंसा सूत्र, 32. मेरे सपनों का भारत, 33. भारत की भाषा राष्ट्र भाषा हो, 34. जैन दर्शन का हृदय, 35. जयन्ती से परे, 36.सत्य की छाँव में, 37. ब्रह्मचर्य चेतन का भोग, 38. भोग से योग की ओर, 39. आदर्श कौन ?, 40. मर हम.... मरहम बनें, 41. मानसिक सफलता, 42. न धमों धार्मिकैर्विना, 43. डबडबाती आँखें। इस प्रकार 50 अधिक कृतियाँ हैं।
ग्रन्थ प्रवचन
समयोपदेश भाग 1-2, गुरुवयणं, दिव्योपदेश, इष्टोपदेश, पंचास्तिकायोपदेश, श्रुताराधना भाग 1-2-3 (और भी बहुत सी कृतियाँ हैं जिनके नाम ज्ञात नहीं हो सके हैं।)