श्रमणसंघ प्रवर्तक डॉ. श्री राजेन्द्र मुनि जी म. सा.
जीवन परिचय
श्रमणसंघीय प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव डॉ. राजेन्द्र मुनि जी म. भारतीय सन्त परम्परा के उज्ज्वल नक्षत्र आर्चाय सम्राट् श्री देवन्द्र मुनि जी म. के प्रधान शिष्य रत्न हैं। आपश्री का जन्म मेवाड़ सिटी के समीप बडूग्राम राजस्थान में 1 जनवरी, सन् 1954 को माता श्रीमती धापकुंवर, पिता श्रीमान् पूनमचन्द जी ओसवाल डोसी परिवार में हुआ। माता-पिता के पावन संस्कार बचपन में पल्लवित पुष्पित होते रहे जो परम श्रद्धेव उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी महाराज एंव श्रद्धेव गुरूदेव आर्चाय पूज्य श्री देवेन्द्र मुनी जी महाराज के सत् सन्निध्य को पाकर विराट् रूप् धारण करने लगे। परिणामस्वरूप आपने अपने बड़े भ्राता उपाध्याय श्री रमेश मुनि जी महाराज के साथ सन् 1965 में 11 वर्ष की अल्पायु में राजस्थान के बाड़मेल जिले के गढ़ सिवाणा ग्राम में जैन भागवती दीक्षा स्वीकार की।
आपने अपना सम्पूर्ण जीवन व क्रिया हेतु समर्पित कर दिया। संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी, गुजराती, मराठी, बांग्ला आदि भाषाओं का अध्ययन तथा आगम न्याय, व्याकरण, काव्य, हिन्दी साहित्य का गहन अध्ययन किया। आपश्री ने साहित्यरत्न शास्त्री एम. ए., पी - एच. डी. काव्यतीर्थ महोपाध्याय, जैन सिद्धांताचार्य आदि उच्चतम परीक्षाएं उत्तीर्ण की। अध्ययन के साथ वक्तृत्व कला का भी आपके जीवन पें अदभुत साम्य है। जब आपका प्रवचन होता है हजारों लोग मंत्रमुग्ध हो उठते हैं, ऐसा लगता है आपकी वाणी में मां सरस्वती अवतरित हो रही है। लेखक के क्षेत्र में कहानी, उपन्यास, काव्य, आगम, शोध आदि ग्रंथों का आपने लेखन सम्पादन किया है। सामाहिक क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज, स्थानक, हॉस्पिटल, गौशाला, पुष्कर गुरू पावन धाम, ध्यान केन्द्र आदि के रूप में लगभग 25 संस्थाएं भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत है।
Father's Name |
Shri Punam Chand Ji Dosi |
Mother's Name |
Smt. Dhapu Kunwar |
Date of Birth |
Posh Badi-10, Dt. 01-01-1954 |
Place of Birth |
Badu, Merta City |
Date of Deeksha |
March, 1965 |
Place of Deeksha |
Sivana, Rajasthan |
Sect / Subsect |
Swetambar |
Deeksha Provided By |
Acharya Samrat Sh.Devendra Muni Ji M. S. |
Acharya of Sect (At The Time of Deeksha) |
Acharya Samrat Sh.Devendra Muni Ji M. S. |
Qualifications |
M.A., P.H.D., Sahitya Ratna, Shastri, Visharad, Jain Sidantacharya Etc. |
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Mail to : Ahimsa Foundation
www.jainsamaj.org
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